वीडियो जानकारी:
संवाद सत्र
२९ अगस्त २०१२
एम.आई.टी, मुरादाबाद
प्रसंग:
करेक्टली नहीं, राइटली जियो (नैतिकता नहीं, धर्म)?
करेक्टली और राइटली में क्या अंतर है?
हम कोई भी काम पुराने अनुभव के आधार पर क्यों करते है?
हम अपने जीवन ढर्रे पर ही क्यों जीते है?
अपना जीवन नए तरीके से कैसे जीये?
संगीत: मिलिंद दाते